अपने जीवन में सफल कैसे बने, success mantra in hindi 2021

क्या जीवन में सफल वही है। जिसके पास धन-दौलत हैं?

नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है। आप जिंदगी में सफल है या नहीं इसका निर्णय आपके स्कूल, काँलेज के marks या फिर आपकी कौन-सी रैंक आई हैं यह decide नहीं करते, बल्कि इसका फैसला आप जिंदगी को किस तरीके से जीते decide यह करता हैं।
ऐसे में सब कुछ पा लेना ही सफलता का मंत्र नहीं हैंं।बल्कि अपने सपनों को पाने के लिए आप क्या करते हैं महत्व यह करता हैं।
हारने के डर को जीतने की खुशी से ज्यादा मत बढने दो।

सूर्य की तरह चमकने के लिए सूर्य की तरह जलना भी पडेगा।
सूर्य की तरह चमकना तो हर कोई चाहता है। पर सूर्य की तरह जलना कोई नहीं चाहता। क्यों?
क्योंकि जीवन में सफलता तो हर कोई चाहता हैं पर संघर्ष कोई नहीं चाहता।
         
          बिना रातें जागे नसीब नहीं जागता।
सफल होने के लिए आपको हद पार मेहनत तो करनी ही  होगी पर अपने आपको  तैयार भी तो करना होगा।
आज तक का चाहें आप पूरा इतिहास देख ले। "जिस पर जग हँसा उसी ने इतिहास रचा है।"


हमारे देश में रतन टाटा, महेन्द्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार जैसे बडे लोग शामिल हैं।
अगर आप अपने सपने को पाने में 1000 बार असफल होते हैं। तो आप से भागयशाली और कोई नहीं क्योंकि आप को दुनियां के 1000 ऐसे रास्ते पता है। जिन पर चलकर कभी सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती।
कवि कबीर दास जी ने अपने दोहें में कहा है कि-


स्वान रुप संसार है, भूकन दें झख मारी।
इस दोहे के माध्यम से कवि कबीर दास जी का कहना है कि दुनियां ना आपको अच्छा करने की सीख देगी और अगर आप अच्छा कर रहे हो तो अच्छा करने भी नहीं देगी।
आपने बहुत से मोटिवेशनल वीडियो देखें होंगे, बहुत सी कहानियां भी देखी होगी। लेकिन जब तक आप अपने आपको को मोटिवेट नहीं करेंगे तब तक किसी भी वीडियो या कहानी का कोई महत्व नहीं रह जाता है।
अब तक हमने आपको को बहुत कुछ बताया अब एक कहानी के माध्यम से इसे समझने की कोशिश कीजिए  की चाहें जो हो आप अपने सपनों को पाने के लिए जी-जान लगाएंगे। "जब एक चीटीं चलना प्रारंभ करती है तो उसके रास्ते में बहुत-सी रुकावटें आती है और वह अपना रास्ता बदलकर आगे बढती है। वह कभी वापस नहीं आती चाहें जितनी बार रुकावटें आएँ। वह हर बार रास्ता बदलकर आगे ही बढती जाएगीं।"
यहाँ चीटीं यह सिखाती है कि अगर कुछ पाने में आपकी शिद्दत है तो आपको कोई नहीं रोक सकता।
दुनियां ने जिस इंसान को पागल कहा उसी ने दुनियां बदली।


अल्बर्ट आइंस्टीन जिन्होंने π का मान  बताया। इस के साथ उन्होंने बहुत कुछ बताया। लेकिन उनके कार्यों की संपूर्ण व्याख्या यहां संभव नहीं है। उनके बचपन का एक बहुत ही रोचक किस्सा "जब अल्बर्ट आइंस्टीन छोटे थे तब  उन्हें अक्सर मंदबुद्धि कहा जाता था। उनकी स्कूल के प्रोफेसर ने उनकी माँ को पत्र लिखा कि उनका बच्चा इस स्कूल के लायक नहीं है। हम अब इसको यहां नहीं पढाएंगे। 
जब अल्बर्ट आइंस्टीन की माँ ने यह पत्र पढा तो उन्होंने असल बात अल्बर्ट आइंस्टीन को नहीं बताई।उन्होंने कहा कि तुम जिस स्कूल में पढते हो वह स्कूल तुम्हारे लायक नहीं है क्योंकि तुम बहुत होशियार हो और अल्बर्ट आइंस्टीन को एक नई उम्मीद मिल गई। 
सोचिए की अगर उस वक्त उनकी माँ ने सच बाता दिया होता तो क्या होता?लेकिन उनको अपने बच्चे पर पूरा विश्वास था।
अल्बर्ट आइंस्टीन को दुनियां ने मंदबुद्धि, पागल बहुत कुछ कहा पर उन्होंने किसी की नहीं सुनी और वह बहुत बडे सांइटिस्ट बने।
जीतना नहीं बल्कि जीतने की प्रबल इच्छा करना सब कुछ हैं।
आपके जीवन में जिंदगी से बढकर और कुछ नहीं है। आज कल हार-जीत के चक्कर में हम इतने उलझ गये है कि हम जिंदगी जीना भूल रहे है। और वैसे भी
जिंदगी में कुछ नहीं भी हुआ तो कम से कम तजुर्बा तो होगा।
अधिकांशतः किसी लडाई को जीतने के लिए उससे एक से अधिक बार लडा जाता हैं
  
यह बात किसी ने क्या खूब कही है कि जिंदगी में हम कुछ पाने के लिए एक या दो बार कोशिश कर हार मान लेते हैं। परंतु उस वक्त यह नहीं सोचते की  बार-बार कोशिश करना ही सफलता की पहली सिढी़ हैं।
आत्मविश्वास:-
                      आत्मविश्वास का होना उतना ही जरूरी है जितना कि आसमान में बादलों का होना, बिना बादलों के आसमान अच्छा नहीं लगता और बिना आत्मविश्वास के हम भी अच्छे नहीं लगते। 
दोस्तों यह दुनियां पता है किस पर कायम है। विश्वास पर।
और कितनी अजीब बात है कि पूरी दुनियां विश्वास से चलती हैं। और हमें हम पर ही यकीन नहीं है। जीवन में सफल होने के लिए जितना जरूरी Hardwork ( कठिन परिश्रम ) है उतना ही जरुरी आत्मविश्वास भी हैं।
इन दोनों के बिना जिंदगी में सफल होना असंभव है। जिस प्रकार साँस लिए बिना हम जीवित नहीं रह सकते उसी तरह बिना आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम के सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है।
और जिस दिन आपके पास आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम दोनों हो तो समझ लेना की तुम सफलता के करीब हो। अगर कोई बिना रिस्क के जिंदगी में अच्छा मुकाम हासिल कर ले तो वह सफल नहीं होता, बल्कि वो तो जीतता हैं।
सफल वो होता है। जो रिस्क भी ले और गिरके उठे और फिर मुकाम हासिल करें तब वह सफल कहलाता हैं।
यह निर्णय तो आपको लेना है कि आपको जीतना हैं या सफल होना हैं। 
लेकिन जो जीतता है उसे सब कुछ मिलता है परंतु उसे पहचान नहीं मिलती और जो सफल होता है उसे यह सब तो मिलता ही है पर उसको एक अलग पहचान भी मिलती हैं। इसके बहुत से उदाहरण मिल जाएंगे जिनमें से एक है मिल्खा सिंह।


सफलता सब को अच्छी लगती है।
पर संघर्ष किसी को अच्छा नहीं लगता ।
और जिसको संघर्ष अच्छा लगता है।
उसे सफलता ही सफलता मिलती है।
अगर आप सोच रहे हो कि एक ऐसा दिन आएगा और हमारी पूरी जिंदगी बदल जाएगी। तो आप गलत है क्योंकि कोई किसी के लिए फ्री नहीं होता। ना वक्त, ना कोई दिन और ना ही कोई बाहर से आएगा जो आपकी जिंदगी हमेशा के लिए बदलकर चला जाएगा। 
क्योंकि जिंदगी आपकी है, हालात भी आपके हैं। और जिंदगी बदलना भी आप चाहते हैं। तो जाहिर सी बात है कि आप किसी का इंतजार करेंगे या फिर खुद कोशिश।
जीवित रहने के क्या मायने अगर आप कुछ असाधारण करने का प्रयत्न ना करें।
जब तक आप अपने जीवन में कुछ बडा या कुछ ऐसा जो आपके लिए मुश्किल हो अगर आप यह नहीं करेंगे तो फिर जिने के और मायने ही क्या हैं।
बडा तो सब करते हैं लेकिन कुछ अलग करके दिखाओ सफल होना दस दिन या एक महिने का काम नहीं है।                  
    
सफल वहीं होता है जिसके पास धैर्य होता हैं।

अगर आप दुनियां में कुछ बडा करना चाहते हो, बडे सपने देखते हो, या फिर सबसे कुछ बेहतरीन करना चाहते हो।
 
 तो हार सहने की हिम्मत भी रखो।


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