Class 10th ch.4 कार्बन और उसके यौगिक 2021-22 hindi medium

 Chapter 4. कार्बन और उसके यौगिक !


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lass 10th chapter no.4  कार्बन और उसके यौगिक, के NCERT Notes, Question Answer and  Extra question answer


कार्बन पदार्थ

कार्बन हमारे दैनिक जीवन में एक अत्यन्त उपयोगी पदार्थ है। कार्बन सजीवों, लकड़ी, कागज आदि में पाया जाता है।
कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 होता है। इसके संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रान होते हैं।
हम जानते हैं की कोई भी तत्व अपना अष्टक पूरा कर उत्कृष्ट गैस का इलेक्ट्रानिक विन्यास प्राप्त करना चाहता है। अत: कार्बन परमाणु भी चार इलेक्ट्रान त्यागकर अथवा ग्रहण कर उत्कृष्ट गैस का विन्यास प्राप्त कर सकता है। 

लेकिन अधिक संख्या में इलेक्ट्रान त्यागने या ग्रहण करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऐसा इलेक्ट्रान-प्रोटोन असंतुलन के कारण होता है। क्योंकि नाभिक में प्रोटोनों व इलेक्ट्रानों की संख्या लगभग बराबर होती है। जब कोई परमाणु इलेक्ट्रानों का त्याग करता है अथवा ग्रहण करता है तो इलेक्ट्रानों की संख्या घटने या बढने से नाभिक असंतुलित हो जाता है। 

संतुलन बनाये रखने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इस समस्या का समाधान परमाणु, इलेक्ट्रान साझा कर करता है।
इसी प्रकार हाइड्रोजन परमाणु का परमाणु क्रमांक एक होता है यह एक इलेक्ट्रान का साझा कर हीलियम उत्कृष्ट गैस का विन्यास प्राप्त कर लेता है। निकटवर्ती परमाणु भी इलेक्ट्रानों का त्याग अथवा ग्रहण इसीलिए करता है ताकि वो भी उत्कृष्ट गैस का विन्यास प्राप्त कर सके।

दो हाइड्रोजन परमाणु आपस में एक-एक इलेक्ट्रान का साझा कर उत्कृष्ट गैस का विन्यास प्राप्त कर हाइड्रोजन(H2) अणु का निर्माण कर लेते हैं। कार्बन परमाणु के संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रान होते हैं। 

इसे उत्कृष्ट गैस का विन्यास प्राप्त करने के लिए या तो चार इलेक्ट्रानों का त्याग करना होगा या इसे चार इलेक्ट्रान ग्रहण करने होंगे। नाभिकीय असंतुलन से बचने के लिए कार्बन परमाणु अपने चार इलेक्ट्रानों का अन्य परमाणुओं से साझा कर ले तो कार्बन परमाणु का अष्टक पूरा हो जाता है। 

अन्य परमाणु हाइड्रोजन, ऑक्सीजन अथवा कार्बन कोई भी हो सकता है। यदि कार्बन परमाणु हाइड्रोजन परमाणु से साझा करता है तो प्रत्येक कार्बन परमाणु के साथ चार हाइड्रोजन परमाणु साझा करेगें क्योंकि कार्बन के पास चार इलेक्ट्रान होते हैं। 

जबकि हाइड्रोजन के पास केवल एक इलेक्ट्रोन होता है
यदि ऑक्सीजन परमाणु कार्बन परमाणु के साथ साझा करता तो दो ऑक्सीजन परमाणु कार्बन परमाणु के साथ साझा करेगें क्योंकि ऑक्सीजन के संयोजकता कोश में दो इलेक्ट्रान होते हैं जिनका साझा कर ऑक्सीजन परमाणु अपना उत्कृष्ट गैस का विन्यास प्राप्त कर लेता है। इस प्रकार कार्बन-डाईऑक्साइड(CO2) का निर्माण हो जाता है।


कार्बनिक यौगिक

ऐसे यौगिक जिनमें कार्बन उपस्थित होता है, कार्बनिक यौगिक कहलाते हैं। कुछ कार्बनिक यौगिक गलित अवस्था में विद्युत् का चालन करते हैं।

कुछ प्रमुख रासायनिक सूत्र एवं उनके नाम
यौगिक का नाम-रासायनिक सूत्र
1.अमोनिया- NH3
2.मेथेन- CH4
3.एथेनॉल(शराब)- CH3CH2OH/ C2H5OH
4.नाइट्रोजन- N2
5.जल(एक्वा) - H2O
6.कार्बनडाइऑक्साइड - CO2

सहसंयोजी आबंध
दो परमाणुओं की साझेदारी में एक इलेक्ट्रान युग्म के मध्य बनने वाले बंध को सहसंयोजी आबंध कहते हैं। जैसे H2 अथवा हाइड्रोजन अणु में हाइड्रोजन परमाणुओं में बंधन।

सहसंयोजी बंध
H --- H
सहसंयोजी आबंध भीतर से मजबूत होते हैं। जबकि इनका अंतराअणुक बल कम होता है।
इसलिए इनके गलनांक, क्वथनांक भी कम होते हैं। चूँकि इलेक्ट्रान बंधित अवस्था में होते है, इसीलिए विद्युत् का चालन भी नहीं कर सकते अत: ये विद्युत् के कुचालक होते हैं।

कार्बन के अपररूप
कार्बन पदार्थ प्रकृति में कई रूपों में विद्यमान है, इसके प्रत्येक रूप को कार्बन का अपररूप कहते हैं। ग्रेफाइट व हीरा कार्बन के प्रमुख अपररूप हैं। जिनमें विभेद केवल आबंधन के आधार पर किया जाता है।

ग्रेफाइट
ग्रेफाइट की संरचना षट्कोणीय व्यूह होती है। इसकी संरचना में एक परत दूसरी परत के ऊपर फिसल सकती है तथा यह चिकना होता है। ग्रेफाइट संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य तीन कार्बन से जुड़ा होता है। जिनमें से दो के साथ एकल बंध बनाता है जबकि एक कार्बन परमाणु के साथ द्वि-बंध बनाता है जिससे इसका संयोजी कोष पूरा भर जाता है अथवा संयोजकता कोश पूर्ण भर जाता है।  ग्रेफाइट सहसंयोजी ठोस होते हुए भी विद्युत् की चालकता प्रदर्शित करता है। अर्थात विद्युत् का सुचालक होता है।

हीरा
हीरे की संरचना त्रिआयामी होती है। तथा हीरा प्रकृति में पाया जाने वाला सर्वाधिक कठोर पदार्थ है। इसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ एकल बंध द्वारा आबंधित रहता है। यह विद्युत् का कुचालक होता है।
• शुद्ध कार्बन को उच्च दाब एवं ताप पर उपचारित करके हीरे को बनाया जा सकता है। ये संशलेषित हीरे आकार में छोटे व प्राकृतिक हीरों से अभेदनीय होते हैं।
• हीरे का मुख्य उपयोग काँच को काटने के लिए किया जाता है।
• इन दो अलग-अलग संरचनाओं के कारण हीरे एवं ग्रेफाइट के भौतिक गुणधर्म अलग-अलग होते हैं। जबकि रासायनिक गुणधर्म एक समान होते हैं।
• फुलेरीन कार्बन का एक अन्य अपररूप है। जिसमें साठ कार्बन परमाणु फुटबॉल के रूप में व्यवस्थित रहते हैं।
• सल्फर के आठ परमाणु एक अँगूठी के रूप में जुड़े होते हैं।

हाइड्रोकार्बन यौगिक
हाइड्रोजन व कार्बन से बने यौगिकों को हाइड्रोकार्बन यौगिक कहते हैं।
हाइड्रोकार्बन तीन प्रकार के होते हैं-
1. एल्केन
2. एल्कीन
3. एल्काइन

एल्केन
सामान्य सूत्र-
CnH2n+2
n=कार्बन की संख्या ।
वे हाइड्रोकार्बन श्रृंखलाएं जिनमें C--C के मध्य एकल बंध होता है। एल्केन कहलाते हैं। एल्केन का अनुलगन/पूर्वलगन एन होता है।

जैसे कार्बन की संख्या-

(a) एक हो तब इसका नाम-
एक कार्बन के लिए मेथ चूँकि एल्केन है इसलिए अनुलगन ऐन होगा अत:
मैथ + ऐन = मैथेन
संरचना सूत्र CnH2n+2 सूत्र से-
कार्बन की संख्या एक है अत: n = 1
C1H2*1+2 =CH4


(b) कार्बन की संख्या दो हो तब उसका नाम
दो कार्बन के लिए एथ अत: एल्केन के लिए अनुलगन एन।
नाम- एथ + ऐन = ऐथेन
संरचना सूत्र CnH2n+2 सूत्र से-
कार्बन की संख्या दो है अत: n = 2
C2H2*2+2 = C2H4+2
=C2H6

इसी प्रकार हम कार्बन की संख्या के आधार पर संरचना सूत्र लिख सकते हैं।

एल्कीन
सामान्य सूत्र-
CnH2n
n=कार्बन की संख्या।

वे हाइड्रोकार्बन जिनमें C--C के मध्य द्वि-बंध उपस्थित होता है। यह आवश्यक नहीं है की श्रृंखला में प्रत्येक कार्बन द्वि-बंध आबंधित हो। हो भी सकता है और नहीं भी केवल दो कार्बन के मध्य द्वि-बंध बंध होने पर भी हाइड्रोकार्बन एल्कीन श्रेणी में ही आयेगा।
सबसे छोटी एल्कीन एथीन होती है। इससे छोटी संभव नहीं क्योंकि दो कार्बन से कम हाइड्रोकार्बन में द्वि-बंध संभव नहीं।
एथीन का अनुलगन ईन होता है।

दो कार्बन की एल्कीन-
दो कार्बन के लिए एथ अत: नामकरण
एथ+ईन = एथीन
n = 2
संरचना सूत्र
सूत्र से- C2H2*2 = C2H4

एल्काइन
सामान्य सूत्र- CnH2n-2
वे हाइड्रोकार्बन जिनमें C--C के मध्य त्रि-बंध होता है। एल्काइन का अनुलगन आईन होता है।
दो कार्बन की एल्काइन-
एथ+आईन = एथाइन
संरचना सूत्र- n = 2
C2H2*2-2 = C2H2

कार्बन की सर्वतोमुखी प्रकृति
कार्बन हमारे शरीर,लकड़ी,पेट्रोलियम पदार्थ आदि में पाया जाने वाला प्रमुख तत्व है। हमने अब तक इसमें दो बडे़ कारक देखे हैं। जो निम्न हैं-
1. कार्बन तत्व में परमाणुओं के साथ बंध बनाने की आद्वितीय क्षमता पायी जाती है। जिससे बड़ी संख्या में अणु बनते हैं, इस गुण को श्रंखलन कहते हैं। इन यौगिकों में कार्बन की लंबी श्रृंखलाएँ भी पायी जाती हैं। ये शाखित या वलय के रूप में भी हो सकती हैं।
2. श्रृंखला में कार्बन परमाणु एकल बंध, द्वि-बंध अथवा त्रि-बंध के द्वारा जुड़े हो सकते हैं। इस आधार पर कार्बनिक यौगिक दो प्रकार के होते हैं-

संतृप्त यौगिक
वह श्रृंखला जिसमें कार्बन-कार्बन के मध्य एकल बंध उपस्थित होता है, संतृप्त यौगिक कहलाते हैं।
असंतृप्त यौगिक
वह श्रृंखला जिसमें कार्बन-कार्बन के मध्य द्वि अथवा त्रि-बंध उपस्थिति होता है,असंतृप्त यौगिक कहलाते हैं।
कुछ प्रमुख असंतृप्त यौगिक-
1. एथीन(C2H4) C--C के मध्य द्वि-बंध।
2. एथाइन(C2H2) C--C के मध्य त्रि-बंध।
3. प्रोपाइन(C3H7) C--C के मध्य त्रि-बंध।
4. बेन्जीन(C6H6) C--C के मध्य द्वि-बंध।

हाइड्रोकार्बन किन यौगिकों को कहा जाता है?
केवल हाइड्रोजन व कार्बन से बने यौगिकों को हाइड्रोकार्बन यौगिक कहा जाता है।
जैसे उपरोक्त संतृप्त एवं असंतृप्त यौगिक हाइड्रोकार्बन यौगिक।
कार्बन-कार्बन के मध्य आबंध अत्यधिक प्रबल होते हैं। अत: ये स्थायी होते हैं। तथा कार्बन-कार्बन की श्रृंखला खूब लंबी होती है। सिलिकन की हाइड्रोजन के साथ श्रृंखला सात-आठ परमाणुओं तक हो सकती है लेकिन यह अभिक्रियाशील होती है। अत: स्थायी नहीं होती है।
चूँकि कार्बन की संयोजकता चार होती है अत: यह किसी भी परमाणु के साथ बंध बना सकता है।

कार्बन- मुझसे दोस्ती करेंगे
कार्बन एक अत्यन्त मैत्रीपूर्ण तत्व है। अब तक हमने देखा की यह हाइड्रोजन के साथ दोस्ती करता है। इसके अलावा यह अन्य तत्वों से भी दोस्ती करता है।
हाइड्रोकार्बन श्रृंखला में से अन्य तत्व हाइड्रोजन को इस प्रकार प्रतिस्थापित करते हैं की कार्बन की चारों संयोजकताएँ संतुष्ट रहती हैं।
हाइड्रोजन को प्रतिस्थापित करने वाले तत्वों को विषम परमाणु कहा जाता है।
जैसे हेलोजन(क्लोरीन,ब्रोमीन,आयोडीन,फ्लोरीन आदि।), नाइट्रोजन, ऑक्सीजन आदि विषम परमाणु हैं।
इसके अलावा कुछ विशिष्ट समूह भी हाइड्रोकार्बन श्रृंखला में से हाइड्रोजन को प्रतिस्थापित कर देते हैं। इन समूहों को प्रकार्यात्मक समूह कहते हैं। ये प्रकार्यात्मक समूह हाइड्रोकार्बन श्रृंखला को कुछ विशिष्ट गुण प्रदान करते हैं।

कार्बन यौगिकों की नामपद्धति
हम सामान्य हाइड्रोकार्बन श्रृंखलाओं(एल्केन,एल्कीन,एल्काइन) का नामकरण व संरचना सूत्र का अध्ययन कर चुके हैं। अब हम प्रकार्यात्मक समूह युक्त हाइड्रोकार्बन श्रृंखला का अध्ययन करेंगे।
प्रकार्यात्मक समूह युक्त हाइड्रोकार्बन श्रृंखला का नामकरण करने के लिए हम हाइड्रोकार्बन श्रृंखला के नाम में से e हटाकर(जैसे- alkane का e हटाकर) प्रकार्यात्मक समूह का अनुलगन जोड़ देते हैं।
जैसे-
मेथेन(CH4) के एक हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन एल्कोहलिक प्रकार्यात्मक समूह
(--OH) द्वारा करने पर नामकरण निम्न प्रकार होगा- (एल्कोहल का अनुलगन ऑल होता है।)
मेथेन + ऑल = मेथेनॉल(CH3OH)

कार्बनिक यौगिकों के रासायनिक गुणधर्म
कार्बनिक यौगिकों के कुछ प्रमुख रासायनिक गुणधर्म निम्न हैं-
1. दहन
2.ऑक्सीकरण
3.ऑक्सीकारक
4. संकलन अभिक्रिया
5. प्रतिस्थापन अभिक्रिया

दहन
हमारे उपयोग में सर्वाधिक कार्बन ईंधन के रूप में काम आता है। लकड़ी, गैसें(L.P.G, C.NG), कैरोसीन, पेट्रोल आदि में कार्बन अथवा उसके यौगिक पाये जाते हैं। कार्बन का ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन करने से उष्मा, प्रकाश एवं कार्बन डाई ऑक्साइड देता है।
संतृप्त हाइड्रोकार्बन स्वच्छ ज्वाला के साथ जलते हैं। जबकि असंतृप्त हाइड्रोकार्बन काले धुएँ वाली पीली ज्वाला के साथ जलते हैं इससे बर्तन की तली में कज्जली जम जाती है।
संतृप्त हाइड्रोकार्बन के दहन के दौरान ऑक्सीजन की कमी आ जाती है तो भी बर्तन की तली कज्जली हो जाती है। तथा ईंधन व्यर्थ जलने लगता है।
ऑक्सीकरण अभिक्रिया
CH4+O2 ---> CO2+H2O+ऊष्मा व प्रकाश

ऑक्सीकरण
दहन करने पर कार्बनिक यौगिकों को आसानी से ऑक्सीकृत किया जा सकता है। पूर्ण ऑक्सीकरण के पश्चात ऐसी अभिक्रियाएँ भी होती हैं जिनमें एल्कोहॉल को कार्बोक्सिलिक अम्ल में बदला जा सकता है।
जैसे-
CH3CH2OH ----> CH3COOH
एथेनॉल.   कार्बोक्सिलिक अम्ल
यह अभिक्रिया क्षारीय पोटेशियम परमेंगनट (KMnO4) + ऊष्मा अथवा पोटेशियम डाइक्रोमेट (K2Cr2O7) + ऊष्मा की उपस्थिति में होती है। इनको ऑक्सीकारक कहते हैं।

वे पदार्थ जो दूसरे पदार्थ को ऑक्सीजन देने की क्षमता रखते हैं,ऑक्सीकारक कहलाते हैं।
जैसे पोटेशियम परमेंगनट, पोटेशियम डाइक्रोमेट आदि।

संकलन अभिक्रिया
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन निकैल अथवा पैलेडियम जैसे उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन जोड़कर संतृप्त हाइड्रोकार्बन देते हैं। इस अभिक्रिया को संकलन अभिक्रिया कहते हैं।
उत्प्रेरक वे पदार्थ होते हैं जो अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देते हैं।
वनस्पति तेलों में लंबी असंतृप्त हाइड्रोकार्बन श्रृंखला होती है। अत: इन्हें संतृप्त करने के लिए इसी अभिक्रिया का उपयोग करते हैं।

प्रतिस्थापन अभिक्रिया
संतृप्त हाइड्रोकार्बन बिलकुल कम अभिक्रियाशील होते हैं। तथा अधिकांश अभिकर्मकों की उपस्थिति में अक्रिय होते हैं। हालाँकि सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अति तीव्र अभिक्रिया में क्लोरीन का हाइड्रोकार्बन में संकलन होता है। क्लोरीन एक-एक करके हाइड्रोजन परमाणुओं का प्रतिस्थापन करती है। इसको प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
प्रतिस्थापन अभिक्रिया-
   
CH4+Cl2 ---->  CH3Cl+HCl
(सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में)

एथेनॉल के गुणधर्म
यह कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में होता है। एथेनॉल को एल्कोहॉल कहा जाता है। तथा यह सभी एल्कोहॉली पेय पदार्थों में पाया जाता है।
यह एक अच्छा विलायक भी है इसीलिए इसका उपयोग टिंचर आयोडीन, कफ सीरप, टाॅनिक आदि औषधियों में किया जाता है। इसे किसी भी अनुपात में जल में मिलाया जा सकता है। तनु एथेनॉल कि थोड़ी मात्रा का सेवन करने से नशा हो जाता है। यह समाज में प्रचलित है। यह जानते हुए भी इसका सेवन किया जाता है की इसकी थोड़ी मात्रा भी घातक साबित हो सकती है। इसका उपयोग शराब में होता है।

एथेनॉल की अभिक्रियाए
1.सोडियम के साथ
2. असंतृप्त हाइड्रोकार्बन बनाने की अभिक्रिया

1.सोडियम के साथ
यह सोडियम के साथ क्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है तथा सोडियम एथाक्साइड का निर्माण करता है।

2. असंतृप्त हाइड्रोकार्बन बनाने की अभिक्रिया
एथेनॉल को 443k ताप पर आधिक्य सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर एथेनॉल का निर्जलीकरण होकर एथीन का निर्माण होता है।
इस अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल निर्जलीकारक का कार्य करता है तथा एथेनॉल से जल को अलग करता है।

 एथेनोइक अम्ल के गुणधर्म

इसका सामान्य नाम एसीटिक अम्ल है। यह कार्बोक्सिलिक समूह का सदस्य है। इसके 3-4 प्रतिशत विलयन को सिरका कहा जाता है। इसे अचार परिरक्षक के रूप में भी उपयोग करते हैं। यह शीत के दिनों में जम जाता है।

साबुन और अपमार्जक
अधिकांश मिसेल तेलीय होते हैं जो जल में अघुलनशील होते हैं। साबुन के अणु लंबी कार्बन श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम अथवा पोटेशियम लवण होते है। इनका आयनिक सिरा(जलरागि सिरा) जल में घुल जाता है जबकि कार्बन(जलविरागी) श्रृंखला तेल में घुल जाती है और कपड़े से अलग होकर मिसेल का निर्माण कर लेती है। कपड़ा साफ हो जाता है।
साबुन कठोर (खारी) जल में झाग नहीं देता क्योंकि कठोर जल में मैग्नीशियम एवं कैल्शियम लवण होते हैं। इनसे साबुन कम क्रिया करता है। इस स्थिति में हमें अधिक साबुन का उपयोग करना पड़ता है। इस समस्या का समाधान अपमार्जक का उपयोग कर किया जाता है अथवा कठोर जल में अपमार्जक का उपयोग किया जाता है। अपमार्जक लंबी कार्बोक्सिलिक श्रृंखला वाले अमोनियम एवं सल्फोनेट के लवण होते हैं।

 NCERT Question Answer:-


1.क्या कारण है की कुछ कार्बनिक यौगिक विद्युत् का चालन करते हैं जबकी अधिकांश कार्बनिक यौगिक नहीं करते हैं क्यों?

वे कार्बनिक यौगिक जिनके गलनांक, क्वथनांक निम्न होते हैं वे यौगिक गलित अथवा विलयन अवस्था में विद्युत् का चालन करते है क्योंकि गलित अवस्था में धारा का चालन करने के लिए आयन स्वतंत्र रहते हैं। जबकी उच्च गलनांक, क्वथनांक वाले यौगिक आसानी से नहीं गलते हैं। इसलिए उनमें धारा का चालन करने के लिए आयन भी स्वतंत्र नहीं होते हैं। अत: ऐसे कार्बनिक यौगिक विद्युत् का चालन नहीं करते हैं।

2. क्या कारण है की कार्बन परमाणु कार्बधनायन अथवा कार्बऋणायन का निर्माण नहीं करता है?

इसके निम्न कारण हैं-

1. कार्बन परमाणु चार इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर(C 4-) कार्बऋणायन का निर्माण कर सकता है, लेकिन चार इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने के बाद कार्बन परमाणु के पास दस इलेक्ट्रॉन हो जाएगें जबकी प्रोटॉन केवल छ: ही रहेंगे चूंकि नाभिक में एक इलेक्ट्रॉन-एक प्रोटॉन से क्रिया कर संतुलित रहता है। अत: नाभिक का संतुलन बिगड़ेगा। इसलिए कार्बन परमाणु चार इलेक्ट्रॉन ग्रहण नहीं कर सकता। अत: कार्बऋणायन का निर्माण भी नहीं हो सकता।
2. कार्बन परमाणु चार इलेक्ट्रॉन त्याग कर कार्बधनायन(  C 4+ ) का निर्माण कर सकता है लेकिन चार इलेक्ट्रॉन त्यागने के पश्चात कार्बन परमाणु के पास केवल दो इलेक्ट्रॉन व छ: प्रोटॉन बचेंगे। छ: प्रोटॉन वाले नाभिक के लिए दो इलेक्ट्रॉन वाला कार्बधनायन बनाने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी जो की संभव नहीं है। अत: कार्बन परमाणु कार्बधनायन अथवा कार्बऋणायन का निर्माण नहीं कर सकता। केवल इलेक्ट्रॉनों का साझा कर अपन उत्कृष्ट गैस का विन्यास प्राप्त कर सकता है।

जिन तत्वों को एक या दो इलेक्ट्रॉन त्यागने अथवा ग्रहण करने की आवश्यकता होती है वे ऋणायन अथवा धनायन का निर्माण कर लेते हैं।

3. परमाणु उत्कृष्ट गैस का विन्यास प्राप्त करना चाहता है,क्यों?अथवा

परमाणु अपने संयोजकता कोश को पूर्ण क्यों भरना चाहता है?
जिस परमाणु का संयोजकता कोश पूर्ण भरा नहीं होता है वह अस्थायी परमाणु कहलाता है अथवा अभिक्रियाशील परमाणु कहलाता है। अत: वह अभिक्रिया करके दूसरे परमाणु से इलेक्ट्रोनों का साझा कर अपने संयोजकता कोश को पूर्ण भर लेता अौर स्थायित्व प्राप्त कर लेता है। उत्कृष्ट गैसें भी स्थायी होती हैं इसीलिये कहा जाता है की परमाणु साझा कर उत्कृष्ट गैस का विन्यास प्राप्त करता है।

4. CNG व बायोगैस का प्रमुख घटक लिखिए?
मेथेन(CH4)

5. मेथेन की संरचना बनाइए?
रासायनिकसूत्र- CH4

6. कार्बन के दो विशिष्ट लक्षण लिखिए?
1. इसमें श्रंखलन का गुण पाया जाता है।
2. यह चतु:संयोजकताइ तत्व है।
इन गुणों के कारण ही यह बड़ी संख्या में यौगिक बनाता है।

7. कार्बन के द्वारा बनाये गये आबंध प्रबल होते हैं क्यों?

इसमें श्रंखलन, चतु:संयोजकता का गुण होने के साथ-साथ इसका आकार भी छोटा होता है। अत: यह मजबूत बंध बनाता है। जबकी बड़े आकार वाले परमाणु से बने बंध अत्यन्त कमजोर होते हैं।

8. निम्न यौगिकों के संरचना सूत्र लिखिए?

1. एथेनाॅइक अम्ल
2. ब्यूटेनोन
3. हेक्सेनैल
4. ब्रोमोपेन्टेन
5. प्रोपाइन
1. CH3COOH
2. C4H8O
3. C5H11CHO
4. C5H11Br
5. C3H4

9. क्लोरोफार्म का रासायनिक सूत्र लिखिए?

CHCl3

10. कार्बन का कौनसा अपररूप विद्युत् की चालकता प्रदर्शित करता है?

ग्रेफाइट।

11. वेल्डिंग में उपयोग आने वाले पदार्थ का नाम लिखिए?

ऑक्सीजन तथा एथाइन का मिश्रण।

12. सबसे छोटी एल्कीन का नाम व संरचना सूत्र लिखिए?

एथीन
संरचना सूत्र- C2H4

13. तीन कार्बन वाले एल्केन के कीटॉन का नाम लिखिए?

कार्बन की संख्या तीन वाला एल्केन प्रोपेनॉन होता है। हम जानते हैं कि किटाॅन का अनुलगन ऑन होता है अत:

प्रोपेन + ऑन = प्रपेनॉन
संरचना सूत्र:- C3H6O

14. निम्न यौगिकों का नामकरण कीजिए?

(a) CH3CH2Br
(b) CH2O
(a)ब्रोमोएथेन।
(b) मेथेनैल।

15. मेथेन की क्लोरीन के साथ प्रतिस्थापन अभिक्रिया लिखिए?

यह अभिक्रिया सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होती है।

CH4 + Cl2 ---> CH3Cl + HCl
मेथेन   क्लोरीन   क्लोरोमेथेन

16. आॅक्सीकारक क्या होते हैं?

ये वे पदार्थ होते हैं जो दूसरे पदार्थ को ऑक्सीजन देने की क्षमता रखते हैं।

17. जलते हुए पदार्थ ज्वाला उत्पन्न करते हैं क्यों?

केवल गैसीय पदार्थों के जलने पर ही ज्वाला उत्पन्न होती है। जब ईंधन जलता है तो उसमें  उपस्थित वाष्पशील पदार्थ भी जलते हैं। और ज्वाला उत्पन्न होती है।

18. संकलन अभिक्रिया में क्या होता है?

संकलन अभिक्रिया में असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों में से द्वि-बंध टूटता है। और कार्बन की संयोजकता की पूर्ति हाइड्रोजन परमाणु करते हैं। तथा संतृप्त हाइड्रोकार्बन प्राप्त होते हैं।

19. एथेनाॅल से एथेनाॅइक अम्ल मे परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं।

इस अभिक्रिया में ऑक्सीजन का योग होता है अथवा ऑक्सीजन जुड़ता है। अत: इस अभिक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहा जाता है।

20. एथेनाॅइक अम्ल कार्बोनेट एवं हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ कैसे क्रिया करता है?

एथेनाॅइक अम्ल कार्बोनेट एवं हाइड्रोजन कार्बोनेट से क्रिया कर लवण, कार्बनडाईऑक्साइड तथा जल बनाता है।
  (कार्बोनेट)
2CH3COOH+NA2CO3--->  2CH3COONa+H2O+CO2
(सोडियम एसिटेट)
(हाइड्रोजन कार्बोनेट)
CH3COOH+NAHCO3---->  CH3COONa+H2O+CO2

21. समजातीय श्रेणी क्या है? समझाइए।

यौगिकों की एसी श्रेणी जिसमें कार्बन श्रंखला में स्थित हाइड्रोजनों को एक ही प्रकार का प्रकार्यात्मक समूह प्रतिस्थापित करता है, समजातीय श्रेणी कहलाती है।

जैसे:- CH3OH, C2H5OH, C3H7OH इन सब में हाइड्रोजन का प्रतिस्थापन --OH समूह द्वारा किया गया है। अत: यह भी एक समजातीय श्रेणी।

Extra important question answer:-

1. एथेन का आण्विक सूत्र C2H6 है| इसमें सहसंयोजक आबंध हैं-
7 सहसंयोजक आबंध

2. ब्यूटेनाँन चतु:कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह कौनसा है?

कीटोन !

3. कार्बन के किस अपररूप में मुक्त (स्वतंत्र) इलेक्ट्रोन पाए जाते है?

ग्रेफाइट ।

4. एथीलीन (एथीन) में उपस्थित कुल बन्धों की संख्या कितनी है?

6.

5. एथीन के जलसंयोजन से बना यौगिक कौनसा है?

C2H5OH

6. भोजन पकाने के लिए किन तेलों का उपयोग करना चाहिए?

असंतृप्त वसा अम्लों से युक्त तेलों का ।

7. CNG का पूरा नाम लिखिए एवं इसका प्रमुख घटक है|

CNG का पूरा नाम ‘संपीडित प्राकृतिक गैस’ है| इसका प्रमुख घटक मेथेन है|

8. एथेनाँल से एसीटिक अम्ल बनना है-

आँक्सीकरण

9. कार्बन परमाणु की ज्यामिति कैसी होती है?

कार्बन परमाणु की ज्यामिति चतुष्फलकीय होती है|

10. अपमार्जकों में उपस्थित यौगिक कौनसे होते हैं?

अपमार्जक लम्बी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं|

11. IUPAC का पूरा नाम लिखिए|

International Union of Pure and Applied Chemistry (अन्तराष्ट्रीय विशुद्ध और अनुप्रयुक्त रसायन संघ) ।

12. साबुन क्या होते हैं?

साबुन लम्बी श्रंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम या पोटेशियम लवण होते हैं|

13. सहसंयोजी आबंध किसे कहते हैं?

दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रोन युग्म की साझेदारी से बने बन्ध को सहसंयोजी आबंध कहते हैं| यह एक प्रबल आबंध है|

14. एल्कोहाँल कौनसे यौगिकों को कहा जाता है?

सामान्यत: एथेनाँल (C2H5OH) को एल्कोहाँल कहा जाता है|

15. उत्प्रेरक किसे कहते हैं?

वे पदार्थ, जो अभिक्रिया की दर (वेग) में परिवर्तन कर देते हैं लेकिन स्वयं उसमे भाग नहीं लेते, उन्हें उत्प्रेरक कहते हैं|

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