कोरोना महामारी एक वैश्विक समस्या 2021-22

             -: कोरोना महामारी :-

प्रस्तावना:-

                कोरोना वायरस जो आज विश्वभर मे विकराल रुप ले चुका है। कोरोना वायरस दुनियां के करीब 70 से ज्यादा देशों में फेल चुका है। यह एक संक्रामक रोग है। जो कि मनुष्य के बाल से भी 900 गुना छोटा है। विश्व स्वास्थ्य सगंठन (WHO) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य सगंठन ने इसका नाम covid -19 रखा है। यह वायरस दुनियां में पहले भी पाया जा चुका है। परंतु सन् 2019 मे एक घातक रुप लेकर आया।



कोरोना वायरस क्या है?
                                कोरोना वायरस एक संक्रामक रोग है। जुखाम, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ होना इसके मुख्य लक्ष्ण है। दुनियां के  कई देशों ने हाल ही में इसकी वैक्सीन (टीका) बना लिया है। यह वायरस दुनियां में पहली बार दिसंबर 2019 चीन के वुहान शहर में पाया गया जिसकी गम्भीरता को देखते हुए दुनियां के कई देशों ने कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया।


कैसे फैलता है कोरोना?

                                अगर एक व्यक्ति कोरोना से  संक्रमित है तो वह संक्रमित व्यक्ति किसी स्वस्थ व्यक्ति के पास जाएगा तो वह भी कोरोना से संक्रमित हो जाएगा। साथ ही साथ खांसने के माध्यम से भी फैलता है।

 
जिसके लिए तीन फीट की दूरी एक दूसरे से बनाए रखें तथा मास्क पहने, समय-समय पर हाथ धोएँ इसके अलावा कोरोना की वैक्सीन जरूर लगवाएं। यह WHO द्धारा जनहित में जारी है।

कोरोना कहाँ से आया?

                               कोरोना पहली बार 1930 मे एक मुर्गी मे पाया गया और आगे चलकर सन् 1940 मे कई अन्य जानवरों में पाया गया है। इसके बाद सन् 1960 मे एक व्यक्ति मे पाया गया जिसे जुखाम थी। इन सब के बाद सन् 2019 मे चीन के वुहान शहर में मिला।

यहाँ इतना तो साफ है कि कोरोना कोई नया नहीं है। लेकिन ज्यादातर लोगों को यह पता सन् 2019 मे जब यह पूरी दुनियां में फैला और भारी तबाही लाया। परन्तु इस तबाही को रोका जा सकता था पर इसका एकमात्र रास्ता वैक्सीन (टीका) थी। लेकिन जब कोरोना ने दुनियां में दस्तक दी तब दुनियां के  किसी भी देश के पास कोरोना को खत्म करने वाली वैक्सीन नहीं थी।
अब दुनियां के कई देशों ने अलग-अलग वैक्सीन बना ली है जो कोरोना को हराने मे मददगार है।


लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब वैक्सीन बन चुकी है तो कोरोना की दूसरी लहर क्यों आई और जब आई तो यह अब तक रुकी क्यों नहीं, कोरोना खत्म क्यों नहीं हुआ।

यह एक बडा सवाल है पर इसका जवाब भी है। आपको बतादे की कोरोना की वैक्सीन बनाना इतना आसान नहीं है। इसे बनाने के लिए एक विशिष्ट रूप से पहले लैब तैयार की जाती है जिसमें डॉक्टरों को अलग तरीके से तैयारी करवाई जाती है। साथ ही साथ डॉक्टरों को एक अलग तरीके के परिधान की जरुरत होती है। जिसमें वक्त लगता है। इसके अलावा वैक्सीन के तापमान को भी मैनेज करना होता है जो कि इतना आसान नहीं है।

अगर हम भारत की बात करें तो सन् 2011 की जनगणना  के अनुसार भारत की आबादी 125 करोड़ है। और इतनी बडी आबादी के लिए एक साथ वैक्सीन उपलब्ध करवाना संभव नहीं। लेकिन भारत में जहाँ चार से ज्यादा वैक्सीन को अनुमति मिल चुकी है।
भारत में वैक्सीन बनाने के लिए 13 कंपनियां काम कर रही है। लेकिन फिर भी इतनी बडी आबादी के लिए वैक्सीन बना पाना मुश्किल है।
परन्तु प्रशासन पूरी तैयारी के साथ काम कर रहा है। भारत में अब तक 22 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।

भारत में दूसरी लहर आने पर प्रशासन की चिंता इस बात को लेकर बढ़ गई है। कि दूसरी लहर मे मौत के आँकडे ज्यादा सामने आ रहे है। इसे रोकना इतना आसान नहीं था। जो भारत की जनता के लिए चिंताजनक बात थी। लेकिन हाल ही में कोरोना के मामलों में लगातार कमी आ रही है। ऐसे में सरकार कोरोना से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है।
कोरोना से लडऩे के लिए अस्पतालों के साथ शहरों में एवं गांवों मे सैनेटाइजर का छिडकाव करवाया जा रहा है। शहरों एवं गाँवो मे स्वास्थ्य संगठन जाकर कोरोना की जाँच कर रहे है।
 टीकाकरण अभियान के दौरान सरकार हर शहर एवं गाँव में टीकाकरण केन्द्र खोल रही है।
WHO के मुताबिक अब कोरोना की तीसरी लहर मे बच्चों को ज्यादा खतरा है। (यह अनुमान है) जिसके चलते भारत के उत्तरप्रदेश राज्य मे अभिवावक बूथ बनाए जा रहे हैं। जहाँ 12 से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण होगा।
तीसरी लहर को रोकने में उत्तरप्रदेश सरकार का यह प्रयास मददगार साबित हो सकता है।
कोरोना महामारी के बीच आर्थिक संकट से गुजर रहे लोगों की मदद के लिए सरकार ने मुफ्त राशन देने का एलान किया है।

कोरोना का दुनियां पर प्रभाव:-

                                          कोरोना वायरस के कहर से आज पूरी दुनियां जूज रही है। ऐसे मे इस महामारी ने दुनियां को 3.8 ‍ˈट्रिल्‌यन् ‌डॉलर का नुकसान हुआ है। और 14 करोड़ 70 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं। कोरोना ने पूरी दुनियां आर्थिक रूप से बडा नुकसान पहुंचाया है।

कोरोना से सबसे ज्यादा नुकसान ट्रैवल इंडस्ट्री को पहुँचा है। इसकी वजह यह है कि कोरोना संकट  को देखते हुए हवाई उडानों को रद्द किया गया है और दुनियां भर के देशों में विशेषकर एशिया, यूरोप और अमेरिका ने अपने दरवाजे पर्यटकों के लिए बंद कर दिए।

कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है। सऊदी अरब में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना से तबाही के बावजूद भारत अभी भी दुनियां की उभरती हुई शक्ति बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड बढोत्तरी ने भारत को काफी नुकसान पहुँचाया है। लेकिन इन सब के बावजूद वह कोरोना मे सबसे बड़ी व तेजी से उभरती हुई शक्ति बना हुआ है।
भारत में अब तक कोविशील्ड, कोवैक्सीन और रुस की स्तुपनिक v, स्तुपनिक v के बारे मे कहा यह भी जा रहा है कि यह 92 प्रतिशत तक कोरोना को हराने मे अधिक कारगर है।

         पूरी दुनियां कोरोना से जंग लड़ रही है।
      यह जंग मनुष्य व अदृश्य वायरस के बीच है।
      लेकिन इस जंग में जीतने का हथियार केवल                                    वैक्सीन हैं।

निष्कर्ष:-
               यहाँ कोरोना वायरस से जुड़े हर सवाल का जवाब दिया गया है। कोरोना कहाँ से आया, कैसे आया, इस वायरस के लक्ष्ण क्या है।साथ ही साथ इस वायरस ने दुनियां को कितना नुकसान पहुंचाया तथा इसकी वैक्सीन कैसे बनती है।  इसके अलावा कोरोना कैसे फैलता है एवं भारत मे इसे रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे गंभीर मुद्दो पर विस्तार से चर्चा की गई है।



         कोरोना वायरस को हराने के लिए वैक्सीन                                  जरूर लगवाएं।

हमें उम्मीद है कि आपको हमारी यह Post पसंद आई होगी। आप यह Post social media sites वह अपने दोस्तों के साथ share & subscribe कर हमारी इस मुहिम का हिस्सा बनये, हमारी यह मुहिम सिर्फ आपको सफल बनाने की नहीं बल्कि पूरे india को सफल बनाने की है।

देश के लिए हमारा साथ दीजिए।

Thankyou india.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने